पौधरोपण के लिए ट्रीगार्ड योजना मे सरकारी धन का जमकर हुआ दुरुपयोग ट्रीगार्ड योजना की हो सोशल आडिट वन विभाग कई जिम्मेदारो पर होगी कार्यवाही
चकिया चन्दौली पर्यावरण संरक्षण मे प्रदेश सरकार के लाखों खर्च के बाद भी योजना को अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे है और वन विभाग के द्वारा वनो की सुरक्षा व पौधरोपण ट्रीगार्ड समेत बिभिन्न धांधली की परते दिन पर दिन खुलती नजर आ रही है आपको बताते पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार के द्वारा वृक्षारोपण के नाम पर भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर करते हुए पौधारोपण करवाया जा रहा है तथा पौधरोपण पौधो की सुरक्षा को लेकर ट्रीगार्ड बनवाया जा रहा है तथा वन क्षेत्रों की सुरक्षा को लेकर सरकार के द्वारा बाकायदा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है मगर प्रदेश सरकार की मंशा पर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही पलीता लगाते नजर आ रहै जिससे सरकारी पैसो का जमकर बंदरबांट हो रहा है और वन बिभाग के जिम्मेदार अधिकारी अवैध रुप से अपनी जेबे भरकर धनकुबेर बनते नजर आ रहे है।
दरअसल पुरा मामला राजपथ रेंज का है जहां वन बिभाग के द्वारा पौधरोपण के लिए वृक्षारोपण किये गये पौधो की सुरक्षा को लेकर चकिया अहरौरा मार्ग लठिया गांव के समीप पौधरोपण के लिए ट्रीगार्ड का निर्माण कुछ महीना पुर्व ही वन विभाग के द्वारा कराया गया था लेकिन ट्रीगार्ड योजना मे भी अवैध कमाई का खेल शुरू हो गया जिसमे मानक की जमकर धज्जियां उडायी गयी जहां ट्रीगार्ड निर्माण मे दोयम दर्ज के ईंट का प्रयोग किया गया वही अवैध तरह से लायी गयी बालु सीमेंट का प्रयोग ट्रीगार्ड निर्माण मे कराया जा रहा था नतीजा यह रहा की मानक विहीन ट्रीगार्ड निर्माण होने से एक तरफ ट्रीगार्ड बनाया गया और निर्माण के चंद महिनो मे ही ट्रीगार्ड टुटकर बिखर जा रहा है जिससे ट्रीगार्ड निस्प्रयोजित घोषित हो जा रही है ऐसा नही है की वन विभाग के अधिकारियों को वन विभाग मे ट्रीगार्ड निर्माण मे अवैध धांधली की जानकारी नही है मगर वन बिभाग के अधिकारी आपस मे गठजोड़ कर सरकारी पैसो का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे है आपको बताते चले की सुत्रो के अनुसार पूर्व वर्ष के पौधरोपण व ट्रीगार्ड निर्माण के धांधली की सोशल आडिट कराई जाए तो वन विभाग के कई जिम्मेदारो पर कार्यवाही होगी तथा ट्रीगार्ड निर्माण मे बडे पैमाने पर धांधली की गयी है अब देखना है ट्रीगार्ड के निर्माण मे धांधली को लेकर वन बिभाग के जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते है या पुर्व की भांति भ्रष्टाचार के मामले को ठंडे बस्ते मे डाल दिया जाता है।
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